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ऑटिज़्म बच्चों के व्यवहार की समस्याएं – कारण और समाधान

क्या आपका ऑटिज्म बच्चा पेंसिल को हल्के हाथ से पकड़ता है? जानें इसके पीछे के कारण और 5 असरदार समाधान जिससे लेखन में सुधार हो सके।

ऑटिज़्म बच्चों में व्यवहार बढ़ने के क्या कारण हैं?

जब हम ऑटिज़्म बच्चों के व्यवहार की समस्याएं की बात करते हैं, तो इसके पीछे कई कारण देखने को मिलते हैं। सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि ऑटिज़्म एक लाइफ लॉन्ग कंडीशन है। यह कोई बीमारी नहीं है जो दवा से ठीक हो जाए।

ऑटिज़्म बच्चों में कई प्रकार की समस्याएं देखने को मिलती हैं, जैसे:

  • Communication
  • Socialization
  • Behaviour

इसके अलावा भी बच्चों में कई तरह की समस्याएं होती हैं। हर बच्चे का व्यवहार अलग होता है और हर बच्चा अलग लेवल पर होता है। इसलिए सबसे पहले बच्चे की समस्या को समझना ज़रूरी है, क्योंकि बिना समस्या समझे उसका समाधान नहीं निकाला जा सकता।

अब जानते हैं कि किन कारणों से ऑटिज़्म बच्चों का व्यवहार बढ़ता है।

ऑटिज़्म एक कंडीशन है, कोई बीमारी नहीं। इस कंडीशन को केवल बेहतर किया जा सकता है। अगर सही समय पर थेरेपी शुरू न की जाए, तो व्यवहार की समस्याएं बढ़ जाती हैं।

मुख्य कारण हैं:

  • माता-पिता द्वारा स्वीकार न करना
  • बच्चे के व्यवहार को छुपाना
  • माता-पिता को सही मार्गदर्शन की कमी

मातापिता द्वारा स्वीकार करन

सबसे पहला कारण माता-पिता द्वारा बच्चे की कंडीशन को स्वीकार न करना है। कई माता-पिता यह मानने को तैयार नहीं होते कि उनके बच्चे को कोई समस्या है। उन्हें लगता है कि बच्चा अभी छोटा है।

जब माता-पिता व्यवहार की समस्या को स्वीकार नहीं करते, तो थेरेपी में देरी होती है। सही उम्र में थेरेपी न होने से व्यवहार की समस्याएं बढ़ जाती हैं और उम्र के साथ यह और बढ़ती जाती हैं।

बच्चे के व्यवहार को छुपान

दूसरा कारण बच्चे के व्यवहार को छुपाना है। कई माता-पिता समस्या जानते हुए भी उसे छुपाते रहते हैं। घर के बड़े लोग भी कहते हैं कि बच्चा छोटा है, उसे खेलने दो।

इस कारण उम्र के साथ व्यवहार की समस्याएं बढ़ती जाती हैं और नए व्यवहार दिखाई देने लगते हैं।

मातापिता को सही मार्गदर्शन की कम

माता-पिता अपने बच्चों से बहुत जुड़े होते हैं और समस्या जल्दी पहचान लेते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि बच्चे के साथ कैसे काम करना है या कौन-सी थेरेपी ज़रूरी है।

कई जगह जाने के बाद भी सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता। इस कारण 0–6 साल की लर्निंग एज निकल जाती है और ऑटिज़्म का व्यवहार लेवल बढ़ जाता है।

ऑटिज़्म बच्चों के व्यवहार को कैसे नियंत्रित करे

अब जानते हैं कि ऑटिज़्म बच्चों के व्यवहार को बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है।

Early Assessment

Early assessment किसी भी समस्या को पहचानने का पहला कदम है। इससे बच्चे की व्यवहार संबंधी समस्या समय पर पता चल जाती है और व्यवहार को कम किया जा सकता है।

Regular Therapy

ऑटिज़्म किसी दवा से ठीक नहीं होता। थेरेपी ही इसका सबसे महत्वपूर्ण इलाज है। नियमित थेरेपी से उम्र के साथ व्यवहार की समस्याएं कम होती जाती हैं।

सही उम्र में थेरेपी (0–6 वर्ष)

ऑटिज़्म बच्चों के लिए उम्र बहुत महत्वपूर्ण होती है। 0–6 वर्ष को सीखने की उम्र माना जाता है। सही उम्र में थेरेपी शुरू करने से व्यवहार और स्पीच में सुधार होता है और व्यवहार बढ़ने से रोका जा सकता है।

Hope Centre for Speech Therapy and Autism कैसे मदद कर सकता

Hope Centre for Speech Therapy and Autism में हम यह समझते हैं कि ऑटिज़्म एक लाइफ-लॉन्ग कंडीशन है। लेकिन सही थेरेपी, समय पर मूल्यांकन और उचित मार्गदर्शन से बच्चे के व्यवहार, स्पीच और समग्र विकास में सकारात्मक सुधार संभव है।

ऑटिज़्म बच्चों के व्यवहार की समस्याएं

यह लेख Hope Amritsar टीम द्वारा लिखा गया है, जो ऑटिज़्म बच्चों और उनके माता-पिता के साथ काम करने के वास्तविक अनुभव पर आधारित है।

Hope Centre for Speech Therapy and Autism में ऑटिज़्म के लिए विशेष सेवाए

Hope Centre for Speech Therapy and Autism बच्चों के लिए सम्पूर्ण ऑटिज़्म सपोर्ट और थेरेपी सेवाएं प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:

  • Speech Therapy
  • ABA Therapy
  • Occupational Therapy
  • Behaviour Therapy
  • Special Education
  • Early Intervention Programs
  • Assessment एवं Diagnosis
  • Parent Counselling और Guidance

हर बच्चा अलग होता है, इसलिए थेरेपी प्लान बच्चे की उम्र, व्यवहार स्तर और ज़रूरतों के अनुसार तैयार किया जाता है।

Early Assessment और सही उम्र में थेरेपी पर विशेष ध्या

Hope Centre for Speech Therapy and Autism में Early Assessment और Early Intervention को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
0–6 वर्ष की उम्र बच्चों की Learning Age मानी जाती है। इस समय पर सही थेरेपी शुरू करने से व्यवहार संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकता है और स्पीच एवं सोशल स्किल्स में सुधार होता है।

Hope Amritsar – भरोसेमंद ऑटिज़्म थेरेपी सेंट

हमारा Amritsar सेंटर बच्चों के लिए सुरक्षित, सहयोगी और child-friendly वातावरण में ऑटिज़्म थेरेपी सेवाएं प्रदान करता है।

Hope Centre for Speech Therapy and Autism – Amritsar
Building No. 19,
Opp. A-Block Market Main Road,
Gumtala Sub Urban, B-Block,
Ranjit Avenue, Amritsar – 143001, Punjab, India

संपर्क नंबर: +91 98782 96877
वेबसाइट: https://hopespeechindia.com/

Amritsar के साथ-साथ Hope Centre for Speech Therapy and Autism पूरे भारत में भी परिवारों को सपोर्ट करता है, जहाँ structured therapy, expert guidance और parent education प्रदान की जाती है।

मातापिता के साथ मिलकर आगे बढ़ना

हम मानते हैं कि थेरेपी केवल सेंटर तक सीमित नहीं होती। माता-पिता बच्चे की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए हम Parent Counselling, Training और Regular Progress Discussion पर विशेष ध्यान देते हैं।

यदि आपको अपने बच्चे के व्यवहार या विकास को लेकर कोई चिंता है, तो समय पर कदम उठाना बहुत ज़रूरी है। सही मूल्यांकन और मार्गदर्शन के लिए Hope Centre for Speech Therapy and Autism से संपर्क करें।

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